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जीएसटी के अंतर्गत आपूर्ति

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जी.एस.टी. के अंतर्गत कराधीन घटना
जी.एस.टी. के अंतर्गत कराधीन घटना वस्तुओं और/या सेवाओं के लिये किसी प्रतिफल के प्रयोजन या व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये की गई आपूर्ति होगी। प्रचलित अप्रत्यक्ष कर कानूनों के अंतर्गत कराधीन घटनाएं जैसे विनिर्माण, बिक्री, या सेवाओं के प्रावधानों को कराधीन घटना जिसे आपूर्ति के रूप में कहा जाता है सम्मिलित किये जाएंगे।

‘आपूर्ति‘ का अर्थ

शब्द ‘आपूर्ति‘ बहुत व्यापक शब्द है और इसमें वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति के सभी रूप जैसे बिक्री, स्थानांतरण, वस्तु विनिमय, अदला-बदली, लाइसेंस, किराया, पट्टा या निपटान करना या करने के विचार पर एक व्यक्ति द्वारा उसके व्यापार को आगे बढ़ाने के प्रयोजन के लिये सहमति देना शामिल है। इसमें सेवाओं का आयात भी शामिल है। मॉडल जी.एस.टी. कानून आपूर्ति के दायरे के भीतर बिना प्रतिफल के कुछ लेनदेन को शामिल करने की भी व्यवस्था प्रदान करता है।

कराधीन आपूर्ति
एक ‘कराधीन आपूर्ति‘ का अर्थ वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति है जिसपर जी.एस.टी. अधिनियम के अंतर्गत वस्तुओं एवं सेवाओं के अंतर्गत कर देय होता है।

आपूर्ति का गठन करने वाले आवश्यक तत्व
• आदेश में एक ‘आपूर्ति‘ का गठन करने के लिए, निम्न तत्वों को संतुष्ट करना आवश्यक हैं, यानि –
• वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति;
• प्रतिफल के लिये की गई आपूर्ति;
• व्यापार के क्रम में या व्यापार को आगे बढ़ाने के प्रयोजन के लिये की गई आपूर्ति;
• आपूर्ति कराधीन क्षेत्र में की गई है;
• आपूर्ति कराधीन आपूर्ति है; तथा
• आपूर्ति कराधीन व्यक्ति द्वारा की गई है।

प्र. क्या एक लेनदेन जिसमें एक या उससे अधिक उपरोक्त मानदंडों को पूरा नहीं किया गया है, अभी भी जी.एस.टी. के अंतर्गत उसे आपूर्ति माना जा सकता है?

उत्तरः हाँ, कुछ परिस्थितियों के अंतर्गत जैसे सेवाओं के आयात (धारा 3(1)(ख)) या बिना प्रतिफल के की गई आपूर्ति, एम.जी.एल. की अनुसूची-प् के अंतर्गत निर्दिष्ट की गई है, जहां प्रश्न 4 में पूछे गये उत्तर में निर्दिष्ट एक या एक से अधिक सामग्री संतुष्ट नहीं हैं, इसे फिर भी जी.एस.टी. कानून के अंतर्गत आपूर्ति माना जायेगा।

प्र. धारा 3 की अनुपस्थिति में वस्तुओं का आयात सुस्पष्ट है, क्यों?
उत्तरः वस्तुओं के आयात को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के अंतर्गत अलग से निपटा जाता है, जिसमें अतिरिक्त सीमा शुल्क के स्थान पर आई.जी.एस.टी. को बुनियादी सीमा शुल्क के साथ लगाया जाएगा।

प्र. क्या निजी-आपूर्ति जी.एस.टी. के अंर्तगत कराधीन है?
उत्तरः अंतर-राज्य निजी आपूर्ति जैसे माल का स्थानांतरण कराधीन होगा क्योंकि कराधीन व्यक्ति को अनुसूची 1(5) के अनुसार राज्य-वार पंजीकरण लेना पड़ता है। इस तरह के लेन-देन कराधीन होते हैं बेशक उसमें प्रतिफल नहीं है। हालांकि, राज्य के भीतर निजी-आपूर्ति कराधीन नहीं हैं।

प्र. क्या माल की आपूर्ति गठित करने के लिए शीर्षक और/या कब्जे का हस्तांतरण एक लेनदेन के लिये आवश्यक है?
उत्तरः एक लेनदेन के लिये शीर्षक के साथ कब्जा दोनांे को ही वस्तुओं की आपूर्ति के रूप में विचार किया जाना चाहिये। यदि नाम का हस्तांतरण नहीं किया गया है, लेनदेन को अनुसूची ii (1) के अनुसार सेवाओं की आपूर्ति माना जायेगा। कुछ मामलों में, कब्जे को तुरन्त हस्तांतरित किया जा सकता है लेकिन नाम को भविष्य की तारीख में हस्तांतरित किया जा सकता है जैसे स्वीकृति के आधार पर बिक्री के मामले में या किराया खरीद व्यवस्था की तरह। ऐसे लेन-देनों को भी माल की आपूर्ति के रूप में कहा जाएगा।

प्र. कार्यान्वित करने या व्यापार को आगे बढ़ाने के क्रम में की गई आपूर्ति” से क्या मतलब हैं?
उत्तरः क्या गतिविधि कार्यान्वित करने या व्यापार को आगे बढ़ाने के क्रम में की गई है इसकी एम.जी.एल. के अंर्तगत निर्दिष्ट कोई परिभाषा या परीक्षण नहीं किया गया है। हालांकि, निम्नलिखित व्यापारिक परीक्षण सामान्य रूप से इन निष्कर्ष पर पहुंचने के लिये लागू किये जाते हैं कि क्या एक आपूर्ति कार्यान्वित करने या व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये की गई हैः
1. क्या गतिविधि एक अहम कार्य है जिसका गंभीरतापूर्वक अनुसरण किया जा रहा है?
2. क्या गतिविधि तार्किक या मान्यता योग्य निरंतरता के साथ की गई है?
3. क्या गतिविधि को सही और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक सिद्धांतों के आधार पर नियमित तरीके से आयोजित किया गया है?
4. क्या गतिविधि मुख्य रूप से प्रतिफल के लिये /लाभ के मकसद से की गई कराधीन आपूर्ति है?
5. परीक्षण सुनिश्चित कर सकते हैं कि आकस्मिक/कभी कभार की आपूर्ति, भले ही प्रतिफल के लिये की गई है,
जी.एस.टी. के दायरे में नहीं आयेगी।

प्र. एक व्यक्ति निजी इस्तेमाल के लिए एक कार खरीदता है और एक साल के बाद उसे डीलर को बेच देता है। क्या वह लेनदेन एम.जी.एल. के अनुसार आपूर्ति होगा? उत्तर के लिये कारण बताएं।
उत्तरः नहीं, क्योंकि व्यक्ति द्वारा आपूर्ति व्यापार या व्यापार को आगे बढ़ाने के क्रम में नहीं की गई थी। इसके अतिरिक्त, उक्त कार को अधिग्रहण करने पर कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट स्वीकार्य नहीं था, क्योंकि यह गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए किया गया था।

प्र. एक एयर कंडीशनर का व्यापारी अपने व्यापार के स्टॉक से अपने आवास पर निजी इस्तेमाल के लिए एक एयर कंडीशनर स्थानांतरित करता है। क्या वह लेन-देन आपूर्ति माना जाएगा?
उत्तर. जी हां। अनुसूची-प्(1) के अनुसार बिना प्रतिफल के व्यापारिक परिसंपत्तियों का निजी या गैर-व्यावसायिक उपयोग आपूर्ति के रूप में माना जाएगा।

प्र. क्या एक क्लब या संघ या सोसाइटी द्वारा अपने सदस्यों को सेवाओं या वस्तुओं की व्यवस्था करना आपूर्ति के रूप में माना जाएगा?
उत्तरः हाँ। एक क्लब, संघ, सोसाइटी या किसी भी ऐसे निकाय के द्वारा अपने सदस्यों को सुविधाओं की व्यवस्था करना एक आपूर्ति के रूप में माना जायेगा। इसे एम.जी.एल. की धारा 2(17) में ‘व्यापार‘ की परिभाषा में शामिल किया गया है।

प्र. अंतर-राज्य आपूर्ति और राज्य के भीतर (राज्यान्तरिक) आपूर्ति क्या हैं?
उत्तरः अंतर-राज्य और राज्य के भीतर आपूर्ति को विशेष रूप से आईजी.एस.टी. अधिनियम की धारा 3 और 3ए में क्रमशः परिभाषित किया गया है। सरल शब्दों में, जहां आपूर्तिकर्ता का स्थान और आपूर्ति का स्थान एक ही राज्य में स्थित है उसे राज्य के भीतर और जहां यह अलग-अलग राज्यों में है इसे अंतर-राज्य आपूर्ति माना जायेगा।

प्र. क्या वस्तुओं के उपयोग करने के अधिकार का हस्तांतरण वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा? क्यों?
उत्तरः वस्तुओं के उपयोग के अधिकार के हस्तांतरण को सेवाओं की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा क्योंकि इस प्रकार के हस्तांतरण में वस्तुओं का शीर्षक/नाम हस्तांतरित नहीं हुआ। इस तरह के लेन-देन को विशेष रूप से एम.जी.एल. की अनुसूची-प्प् में सेवा की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा।

प्र. क्या काम के अनुबंधों और केटरिंग सेवाओं को वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा? क्यों?
उत्तरः काम के अनुबंध और केटरिंग सेवाओं को एम.जी.एल. की
अनुसूची-प्प् में निर्दिष्ट किये अनुसार सेवाओं की आपूर्ति के रूप में
माना जाएगा।

प्र. क्या किराया खरीद आधार पर वस्तुओं की आपूर्ति को वस्तुओं की आपूर्ति या सेवाओं की आपूर्ति माना जायेगा? क्यों?
उत्तरः किराया खरीद पर की गई वस्तुओं की आपूर्ति को वस्तुओं की आपूर्ति माना जायेगा क्योंकि इसमें शीर्षक/नाम का हस्तांतरण हुआ है, हालांकि भविष्य की तारीख पर।

आपूर्ति का समय
आपूर्ति का समय निर्धारित करता है कि कब जी.एस.टी. कर का दायित्व उत्पन्न होता है। यह भी इंगित करता है कि कब आपूर्ति पूर्ण कर दी गई समझी जायेगी। एमजीएल वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के लिये अलग-अलग समय प्रदान करता है।

प्र.कब वस्तुओं की आपूर्ति के संबंध में जी.एस.टी. करारोपण दायित्व उत्पन्न होता हैं?
उत्तरः एमजीएल की धारा 12 वस्तुओं की आपूर्ति का समय प्रदान करती है। वस्तुओं की आपूर्ति का समय निम्नलिखित में जल्द से जल्द होगा, अर्थात्
(1) जिस तारीख पर आपूर्तिकर्ता द्वारा वस्तुओं को हटाया गया है, जहां वस्तुओं की आपूर्ति को हटाने की आवश्यकता
हैं; या
(2) वह तारीख जब वस्तुओं को उपलब्ध कराया जाता है
जहां आपूर्ति में उन्हे को हटाने की आवश्यकता नहीं है;
या
(3) वह तिथि जब आपूर्तिकर्ता आपूर्ति से संबंधित चालान/
बिल जारी करता है जहां उपरोक्त दोनो स्थितियां लागू
नहीं होती; या
(4) वह तारीख जिस पर प्राप्तकर्ता अपनी लेखा पुस्तकों में
माल प्राप्ति की रसीद दर्ज करता है।

प्र. वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति का क्या समय है?
उत्तरः वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति का समय है;
क) जहां सिलसिलेवार खातों के विवरण या सिलसिलेवार भुगतान शामिल हैं, ऐसे सिलसिलेवार खातों के विवरण
या सिलसिलेवार भुगतान से संबंधित अवधि की समाप्ति की तारीख।
ख) जहां सिलसिलेवार खातों के विवरण या सिलसिलेवार भुगतान शामिल नहीं किये गये, चालान/बिल जारी करने की तिथि या भुगतान प्राप्त करने की तिथि जो भी पहले आती है।

प्र.स्वीकृति के आधार पर भेजी गई वस्तुओं की आपूर्ति का समय क्या है?
उत्तरः स्वीकृति के आधार पर आपूर्ति के मामले में, आपूर्ति का समय वह समय होगा जब यह पता चल जाता है कि आपूर्ति की जाने वाली है या आपूर्ति की तारीख से छह महीने, जो भी पहले पड़ता है।

प्र.सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में जी.एस.टी. भुगतान का दायित्व कब उत्पन्न होता है?
उत्तरः वस्तुओं के विपरीत, सेवाओं के मामले में, आपूर्ति का समय इस तथ्य के आधार पर निर्धारित करता है कि क्या सेवाओं की
आपूर्ति के लिए चालान/बिल निर्धारित अवधि के भीतर या निर्धारित अवधि के बाद जारी कर दिया गया है।

प्र. निरंतर सेवाओं की आपूर्ति का क्या समय होगा?
उत्तरः आपूर्ति का समय भुगतान की देय तिथि होगा, यदि अनुबंध में निश्चित है। यदि पता नहीं लगाया जा सकता तो, इन स्थितियों में सें यह जल्द से जल्द की तारीख होगी- भुगतान प्राप्त करने की तारीख या चालान बिल जारी करने की तारीख या घटना के पूरा होने की तारीख जहां भुगतान घटना के पूरा होने से जुडा हुआ है।

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